उत्तराखंड पुलिस के लिए नैनीताल हाईकोर्ट से बड़ी राहत भरी खबर है। हाईकोर्ट ने पुलिसकर्मियों की ड्यूटी के लिए घंटे तय करते हुए कहा है कि उनसे एक दिन में आठ घंटे से ज्यादा सेवा नहीं ली जाए।
न्यायमूर्ति राजीव शर्मा और न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की खंडपीठ ने एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया। हाईकोर्ट ने पुलिसकर्मियों को वर्ष में 45 दिन का अतिरिक्त वेतन देने का भी निर्देश दिया है।
हरिद्वार निवासी अधिवक्ता अरुण भदौरिया ने जनहित याचिका दायर करते हुए कहा था कि प्रदेश में पुलिसकर्मियों को रोजाना 10 से 15 घंटे तक ड्यूटी करनी पड़ती है जिसके चलते उन्हें तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ता है। याचिका में सरकार को उचित निर्देश देने का अनुरोध किया गया था।
कोर्ट ने राज्य पुलिस सुधार आयोग की सिफारिश पर पुलिस कल्याण के लिए तीन माह में कारपस फंड बनाने, आवासीय स्थिति में सुधार के लिए हाउसिंग स्कीम बनाने, हर पुलिसकर्मी को सेवा काल में तीन पदोन्नति के लिए पुलिस नियमावली में जरूरी संशोधन करने, अवकाश मामलों में उदार रवैया अपनाने, रिक्तियों को भरने के लिए विशेष चयन आयोग का गठन करने, हर पुलिस स्टेशन व पुलिस की हाउसिंग कालोनी में जिम व स्विमिंग पूल बनाने जैसे कई अहम दिशा-निर्देश राज्य सरकार को दिए हैं। अधिवक्ता शक्ति सिंह ने बताया कि कोर्ट के आदेश का अनुपालन राज्य सरकार के लिए बाध्यकारी है।
फैसले के उत्तराखंड पुलिसकर्मियों में खुशी की लहर है, उन्होंने हाईकोर्ट को शुक्रिया कहा।