उत्तराखंड के बागेश्वर जिले में किसानों ने स्थानीय अनाज जैसे मडुवा, मक्के से बिस्किट बना कर एक मिसाल कायम की है। इस छोटे छोटे मॉडल से ही किसानों की अच्छी आमदनी हो रही है।
किसानों द्वारा बनाए गए बिस्किट आंगनबाड़ी में भेजे जाते हैं। अभी तक ये बिस्किट सिर्फ बागेश्वर जिले में भी बिकते थे लेकिन धीरे – धीरे आस- पास के जिलों में भी इन बिस्किटों की मांग बढ़ने लगी है। किसानो द्वारा की गई इस पहल से 800 लोगों को रोजगार मिला है, साथ ही पलायन पर भी रोक लगी है।
रविवार को पीएम मोदी मन की बात में किसानों की तारीफ की और कहा कि उत्तराखंड के ये किसान देश के किसानों के लिए प्रेरणास्रोत है। पीएम मोदी ने कहा कि बागेश्वर के किसानों की मेहनत देश के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उन्होंने कहा कि किसानों के संगठित प्रयास से पलायन रुका है और उनकी मेहनत से उगने वाली फसल को संगठित होकर न केवल वैल्यू एडिशन के रूप में लिया है, बल्कि स्वरोजगार और आर्थिक सुधार में भी बड़ा कदम है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बागेश्वर जिले के कपकोट क्षेत्र में मंडुवा, चोलाई, मक्का, जौ की फसल को ग्रामीणों ने बाजार मूल्य अच्छा न मिलने से नई तरकीब ढूंढ़ी है। कपकोट के ग्रामीणों ने फसल को बाजार में बेचने की जगह इन फसलों से बिस्किट्स और दूसरे खाद्य पदार्थ तैयार किए हैं। लौह तत्वों से भरपूर यह क्षेत्र इन बिस्किटों के माध्यम से देशभर में स्वरोजगार के लिए उदाहरण बन गया है।
प्रधानमंत्री ने मुनार गांव में ग्रामीणों की पहल की तारीफ करते हुए कहा कि आजीविका, आर्थिकी और स्वरोजगार के क्षेत्र में ग्रामीणों के इस कदम को देखते हुए स्थानीय प्रशासन ने भी इस अभियान को राष्ट्रीय आजीविका मिशन से जोड़ दिया है। अब ग्रामीण संगठित होकर न केवल हर साल 10 से 15 लाख रुपए कमा रहे हैं, बल्कि 900 लोग रोजगार प्राप्त कर रहे हैं।
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बागेश्वर के किसानों ने स्थानीय अनाजों का सदुपयोग करके बिस्किट बनाने का काम शुरू किया और इससे अच्छी खासी आमदनी कर रहे हैं। ऐसे छोटे छोटे मॉडल उत्तराखंड के विकास में मील के पत्थर साबित होंगे।Narendramodi #MannKiBaat
Posted by Trivendra Singh Rawat on 29 ಏಪ್ರಿಲ್ 2018